यूं तो टेक्नोलॉजी के इस दौर में हम काफी आगे जा चुके है, जहां सारी दुनिया को हमने इसके दम पर एक गांव के रूप में विकसित कर लिया है । आज कोई भी व्यक्ति टेक्नोलॉजी के टूल्स से भलीभांति परिचित है पर आज हम आपको बताने जा रहे है पेजर टूल और तकनीक के बारे में जो इसे कुछ हटकर बनाता है,
पेजर तकनीक का इतिहास
पेजर एक छोटी, वायरलेस संचार डिवाइस होती है जो टेक्स्ट या बीप के माध्यम से संदेश प्राप्त करती है। यह मुख्य रूप से 1940 के दशक में विकसित की गई थी और इसका प्राथमिक उपयोग डॉक्टरों, व्यावसायिक पेशेवरों और आपातकालीन सेवाओं में था। जब किसी व्यक्ति को संदेश भेजने की आवश्यकता होती थी, तो एक सिग्नल भेजा जाता था जो पेजर पर संदेश को प्रदर्शित करता था या एक बीप ध्वनि के माध्यम से संकेत देता था कि कोई संदेश प्राप्त हुआ है। यह तकनीक आज भले ही पुरानी लगती हो, लेकिन इसके बिना न केवल 1980 और 90 के दशक में संचार अधूरा था, बल्कि इसका उपयोग कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी किया गया। आइए, इस अनोखी पेजर तकनीक की कहानी को फिर से जीवंत करें और समझें कि यह कैसे एक क्रांतिकारी आविष्कार था।old
पेजर की कार्यप्रणाली एवं सिद्धांत
पेजर एक रेडियो तरंगों पर आधारित प्रणाली थी। जब किसी को संदेश भेजा जाता, तो यह संदेश रेडियो ट्रांसमीटर द्वारा पेजर पर भेजा जाता था। पेजर तब या तो संदेश को टेक्स्ट रूप में दिखाता था या एक ध्वनि (बीप) से संकेत देता था कि कोई संदेश प्राप्त हुआ है। इस तकनीक ने लोगों को काम या व्यक्तिगत कारणों से हमेशा संपर्क में रहने की सुविधा दी, खासकर उन स्थितियों में जहां फोन कॉल्स या अन्य संचार माध्यम उपलब्ध नहीं होते थे।
पेजर का अंत और नई तकनीक
1990 के दशक के अंत तक मोबाइल फोन और इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता ने पेजर की जगह लेना शुरू कर दी। स्मार्टफोन, जो न केवल टेक्स्ट संदेश बल्कि कॉल, ईमेल और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करता है, ने पेजर को पूरी तरह से अप्रासंगिक बना दिया। हालाँकि, कुछ विशेष क्षेत्रों, जैसे चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं में, पेजर का उपयोग आज भी होता है क्योंकि यह संचार के अन्य साधनों की तुलना में अधिक विश्वसनीय हो सकता है, खासकर जब नेटवर्क कवरेज कमजोर हो।
पेजर तकनीक से क्या सीखा जा सकता है?
पेजर तकनीक ने हमें यह सिखाया कि संचार में सरलता और विश्वसनीयता कितनी महत्वपूर्ण होती है। इसने एक समय में लोगों को तेजी से और आसानी से संदेश प्राप्त करने की क्षमता दी, जो उस समय की अन्य संचार तकनीकों से बेहतर थी। भले ही यह तकनीक अब हमारे आधुनिक उपकरणों के आगे पुरानी हो गई हो, लेकिन इसका योगदान अविस्मरणीय है। पेजर तकनीक ने एक युग को परिभाषित किया और हमें उस समय के संचार की सरलता की याद दिलाती है। यह तकनीक अब अतीत की बात हो सकती है, लेकिन इसके बिना हमारे आधुनिक संचार माध्यम शायद इतने प्रभावी न होते। पेजर के बिना, हम यह नहीं समझ पाते कि कैसे छोटी-छोटी तकनीकी प्रगति भी बड़े परिवर्तनों की दिशा में पहला कदम होती हैं।
आतंकी गतिविधियों में इसका प्रयोग
कुछ आतंकवादी संगठनों ने भी इसे अपने संचार के साधन के रूप में इस्तेमाल किया। इसका प्रमुख कारण यह था कि पेजर एक सरल और बिना ट्रैक होने वाला संचार उपकरण था, जो आतंकवादियों को गुप्त रूप से आपस में संवाद करने की सुविधा प्रदान करता था। पेजर टेक्स्ट संदेशों को बिना किसी सीधे फोन कॉल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के भेजने की अनुमति देता था। यह उपकरण मोबाइल फोन से कम जटिल था और बिना कॉल किए सिर्फ संदेश भेज सकता था, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था। आतंकवादी पेजर का इस्तेमाल गुप्त संदेश भेजने के लिए करते थे, जैसे विस्फोटक उपकरणों को सक्रिय करने का समय या हमले की जगह। आतंकवादी समूह अक्सर पेजर के माध्यम से संदेशों को कोड में भेजते थे, ताकि यदि पेजर पकड़ भी लिया जाए, तो संदेशों को समझना कठिन हो। पेजर के द्वारा भेजे गए संदेशों को संक्षिप्त और कोडेड रूप में भेजा जाता था, जिससे उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखना मुश्किल होता था।
कुछ अन्य कारणों से आतंकी इसका प्रयोग करते रहे है जैसे
1 बड़ी भीड़ में संदेश भेजना
2 विस्फोटक उपकरणों को सक्रिय करने के लिए
3 मोबाइल फोन से ट्रैकिंग से बचाव
यह ब्लॉग विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई जानकारी पर आधारित है ।आशा है आप सभी इस जानकारी को पढ़ लाभान्वित होंगे