आखिर क्यों मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा आज के ही दिन

बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती या बैसाख पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत समेत अन्य एशियाई देशों में भी मनाई जाती है। इस पर्व को उत्सव और अनुष्ठान के रूप में भी  मनाया जाता है, इसे मनाने के पीछे धार्मिक और खगोलीय कारण भी है। यह पर्व हिंदू एवं बौद्ध दोनो परंपराओं का वाहक है,यह गौतम बुद्ध के जीवन,जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्माण जैसी मुख्य घटनाओं पर प्रकाश डालता है। जन्म, ज्ञान प्राप्ति, और महापरिनिर्वाण सभी वैशाख पूर्णिमा के दिन घटित हुई थीं, इसलिए इस दिन को त्रिविध पवित्रता के रूप में देखा जाता है।

आईए इस पर्व को मनाए जाने के पीछे कारणों का अध्ययन करते है

  1. धार्मिक कारण: पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, गौतम बुद्ध का जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति (ज्ञान प्राप्ति), और महापरिनिर्वाण (मृत्यु) सभी वैशाख महीने की पूर्णिमा को हुआ था। इस दिन को इसलिए विशेष माना जाता है क्योंकि बुद्ध के जीवन के तीन महत्वपूर्ण घटनाएं एक ही दिन में घटित हुई थीं।
  2. खगोलीय कारण: भारतीय कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। चंद्रमा का यह आकार बुद्ध के ज्ञान और शांति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।इन कारणों से, वैशाख पूर्णिमा का दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, जो कि हिन्दू और बौद्ध दोनों परंपराओं में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन, लोग बुद्ध की शिक्षाओं को याद करते हैं, ध्यान करते हैं, और विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।आज के दिन ही क्यों मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा,,

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